हम आम इंसान को नहीं पता कि सरहद पर लड़ाई का क्या रूप ह। बस पता ह तो इतना की जंग छिड गई ह और मेरे देश का वीर पूरी वीरता के साथ दुसमन का मुकाबला कर रहा ह.
हम सब बस मीडिया या मूवी के माध्यम से देखते ह की जंग मे क्या हो रहा ह. वो भी थोडा बहुत. पर दोस्तों जंग की वास्तविकता को कुछ और ही ह।
पाकिस्तान की नापाक करतुते, सहीद हेमराज का सर काटना, जरा सॊचो की एक ऊँगली मे थोडा सा कट लग जाये तो क्या होता ह., पर गुस्ताख पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान के एक वीर सेनिक का सर हे काट दिया, कितनी पीड़ा हुई होगी मेरे देश के उस बेटे को जो हमारे देश की रक्षा के लिए सहीद हो गया, हमारी, आप सब की रक्षा कई लिए सहीद हो गया और हम सब ने क्या किया। कुछ नहीं।
अभी पाकिस्तान ने फिर से यही दुस्साहस कर ५ जवानों को सहीद कर दिया और हम बस सॊच रहॆ ह., और हमारे नेता लोग सांसद मे उल्टी सीधी बयान बजी कर रहे ह. आप को लगता ह ये नेता हमारे देश कई लिए सही ह. क्या माफ़ी मागने साईं सब कुछ ठीक हो गया. क्या पाकिस्तान को उस कई दुस्साहस का जवाब नहीं देना चहिये।
क्या आप सभी इस बात से सहमत ह की अब हमारे को बयान बजी या माफ़ी नहीं सीधा जवाब चहिये, कि "अब पाकिस्तान से बदला लेने की बरी ह, फिर चीन को भी सबक सिखाने की तैयारी ह."
मै कल बॉर्डर मूवी देख रहा था. हमारे देश का एक एक वीर १०० पाकिस्तानियों पर भरी था, बड़ी वीरता से लड़ाई लड़ी गई और विजय भी हुई हिंदुस्तान कि. पर मैने वही पर एक बात और भी देखी, वीरता भरी उस लड़ाई मे मेरे देश के कुछ सैनिक जिन को गोली लगी थी वो धीरे धीरे वीरगति को लीन हो गये.
क्या उन को पीड़ा या दर्द नहीं होता . क्या वो हम और आप जैसे नहीं ह., क्या वो हम से अलग ह, अगर नहीं तो फिर क्यों हमारी गवर्मेंट कोई एक्शन नहीं लेती।
हम मे से कोई भी उस पीड़ा का अनुमान नहीं लगा सकता। ये मेरे देश का दुर्भाग्य ह जिस मे नेता लोग सब कुछ जानते हुए भी बयान पर बयान बाजी करते ह पर कोई एक्शन नहीं लेते।
बड़ा दुःख ह की उन को सायद इस दर्द का अहसास नहि. मै तो कहता हु किसी को मनिस्टर तब ही बनाया जाये जब उस का बेटा आर्मी ज्वाइन करे और उस की ड्यूटी भी सरहद पर हो. तभी वो मनिस्टर बने.
मै अपनी बात से यही कहना चहाता हु. की समझो उस वीर को, उस का देस के लिए बलिदान को, कही ऐसा दिन न आ जाये की तुम माफ़ी मागने लायक भी न रहो.
जय हिन्द
मोहन शर्मा
नमो नमहा
हम सब बस मीडिया या मूवी के माध्यम से देखते ह की जंग मे क्या हो रहा ह. वो भी थोडा बहुत. पर दोस्तों जंग की वास्तविकता को कुछ और ही ह।
पाकिस्तान की नापाक करतुते, सहीद हेमराज का सर काटना, जरा सॊचो की एक ऊँगली मे थोडा सा कट लग जाये तो क्या होता ह., पर गुस्ताख पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान के एक वीर सेनिक का सर हे काट दिया, कितनी पीड़ा हुई होगी मेरे देश के उस बेटे को जो हमारे देश की रक्षा के लिए सहीद हो गया, हमारी, आप सब की रक्षा कई लिए सहीद हो गया और हम सब ने क्या किया। कुछ नहीं।
अभी पाकिस्तान ने फिर से यही दुस्साहस कर ५ जवानों को सहीद कर दिया और हम बस सॊच रहॆ ह., और हमारे नेता लोग सांसद मे उल्टी सीधी बयान बजी कर रहे ह. आप को लगता ह ये नेता हमारे देश कई लिए सही ह. क्या माफ़ी मागने साईं सब कुछ ठीक हो गया. क्या पाकिस्तान को उस कई दुस्साहस का जवाब नहीं देना चहिये।
क्या आप सभी इस बात से सहमत ह की अब हमारे को बयान बजी या माफ़ी नहीं सीधा जवाब चहिये, कि "अब पाकिस्तान से बदला लेने की बरी ह, फिर चीन को भी सबक सिखाने की तैयारी ह."
मै कल बॉर्डर मूवी देख रहा था. हमारे देश का एक एक वीर १०० पाकिस्तानियों पर भरी था, बड़ी वीरता से लड़ाई लड़ी गई और विजय भी हुई हिंदुस्तान कि. पर मैने वही पर एक बात और भी देखी, वीरता भरी उस लड़ाई मे मेरे देश के कुछ सैनिक जिन को गोली लगी थी वो धीरे धीरे वीरगति को लीन हो गये.
क्या उन को पीड़ा या दर्द नहीं होता . क्या वो हम और आप जैसे नहीं ह., क्या वो हम से अलग ह, अगर नहीं तो फिर क्यों हमारी गवर्मेंट कोई एक्शन नहीं लेती।
हम मे से कोई भी उस पीड़ा का अनुमान नहीं लगा सकता। ये मेरे देश का दुर्भाग्य ह जिस मे नेता लोग सब कुछ जानते हुए भी बयान पर बयान बाजी करते ह पर कोई एक्शन नहीं लेते।
बड़ा दुःख ह की उन को सायद इस दर्द का अहसास नहि. मै तो कहता हु किसी को मनिस्टर तब ही बनाया जाये जब उस का बेटा आर्मी ज्वाइन करे और उस की ड्यूटी भी सरहद पर हो. तभी वो मनिस्टर बने.
मै अपनी बात से यही कहना चहाता हु. की समझो उस वीर को, उस का देस के लिए बलिदान को, कही ऐसा दिन न आ जाये की तुम माफ़ी मागने लायक भी न रहो.
जय हिन्द
मोहन शर्मा
नमो नमहा
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