Thursday, July 25, 2013

आजाद देश का एक आज़ाद नागरिक, कुछ कहना चाहता हु

मै मोहन शर्मा,
                     आजाद देश का एक आज़ाद नागरिक, कुछ कहना चाहता हु, सभी देश वासियों से आशा करता हु की शायद सभी देश वासी इस बात से सहमत हो. आप सब भी कुछ दॊ शब्द जरुर कहे, और इस बात को आगे बढने मे योगदान करे.

मानिये नरेन्द्र मोदी vs US Visa

१. आज कल न्यूज़ मे मानिये नरेन्द्र मोदी  और US Visa को लेकर एक जंग छिड़ी हुई ह. क्या हम भरतीयो को नहीं लगता की ये आदरनिये मनिस्टर लोग किस बात पर लड़ाई कर रहे ह.

२. क्या नहीं लगता की जो आदरनिये मनिस्टर हमारी वजह से शीट पर ह वो बस आपसी लड़ाई ही लड़ रहे ह. देश पर किसी का ध्यान नहीं.  देश की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं.

३. क्या हम देस वासियों को नहीं लगता की जो आदरनिये मनिस्टर हमारे को १ या २ रुपये किलो गेहू देने की बात कर रहे वह गलत ह. 

मानिये नरेन्द्र मोदी vs visa को ले कर विवाद खड़ा हो गया ह, "पर क्यों" मै किसी मनिस्टर से ये नहीं पूछना चाहता. पर मे ये पूछना चाहता हु की क्या कभी लोक सभा और विधान सभा के आदरनिये मंत्री गन आप ने इस तरहा का कोई लेटर साइन कर के चीन के खिलाफ क्यों नहीं दिया अपने मानिये परधानमंत्री जी को. जो बार बार हमारे देश की सीमा मे घुस रहा ह.

आप सभी ने इस तरहा का कोई लेटर साइन कर के क्यों नहीं दिया हमारे मानिये परधानमंत्री जी, जब पकिस्तान ने हिमाकत की हमारे देश के एक सूर वीर का सर कटने की. देश का बेटा मारा गया और हम फ्लैग मीटिंग ही करते रहे.

"सभी आदरनिये मंत्री गन जवाब दो इस देश कि जनता को कि क्या कमी थी हमारे पास जो हम पकिस्तान कि मुह तोड़ जवाब ना दे सके, क्या कमी ह हमारे पास जो हम चीन को मुह तोड़ जवाब नहीं दे सकते. हम को मीडिया के माध्यम से ये मत बताओ कि चीन ने कितनी बार घुस पैठ कि और वो खुद चले गए, ये बताओ कि हम ने कितनी बार उन को देश कि सीमा से खदेड़ा"

घर मे लड़ रहे हो और दुश्मन फायदा उठा रहा ह.

महगाई इतनी ह कि 15 से 20 हजार रुपये कमाने वाला व्यक्ति अपने लिए खाने तक का टाइम नहीं निकल पा रहा. सॊच रहा ह कि महगाई और बढ़ गई तो घर कैसे चलेगा. बच्चो का एडमिशन कैसे करेगा, बहिन कि शादी कैसे करेगा और भी बहुत कुछ.

और आप कहते हो कि 32  से ३३.3 रुपये कमाने वाला व्यक्ति गरीबे रेखा से उप्पर ह.

मैने १ या २ रुपये किलो गेहू वाली बात उप्पर कही ह. "क्या गवर्मेंट हमारे को काम नहीं दे सकती, क्या गवर्मेंट हमारे को रोजगार नहीं दे सकती, क्या गवर्मेंट सभी सेक्टर मे गवर्मेंट कंपनी नहीं खॊल सकती, अगर खॊलि ह तो क्या और नहीं बढ़ा सकती, क्या हम इम्पोर्ट कम कर के देश मे मैन्युफैक्चरिंग जयादा नहीं कर सकते, जिस से हर इंसान को काम मिले और वो खुद गेहू खरीद सके, आत्म निर्भेर बन सके.

और देश के घोटाला, मनो देश पर किसी का काला साया पड गया.  जब न्यूज़ देखो तब एक घोटाला. और वो एक ही इतना बड़ा होता ह कि जैसी घोटाला करने वालो ने इंसान का नहीं हाथी का जनम लिया ह.

मै और भी बहुत कुछ कहुगा हो सकता ह  कि मेरी इस बात से कोई दबंग मेरे से भी लड़े, जैसा कि मुंबई मे अदिति रेस्टोरेंट वाले के साथ हुआ.

जय हिन्द.
मोहन शर्मा






 

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